फोर्टिस जयपुर ने किडनी को स्वस्थ रखने के उपायों के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिए एक पैनल वार्ता का आयोजन किया
फोर्टिस जयपुर ने किडनी को स्वस्थ रखने के उपायों के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिए एक पैनल वार्ता का आयोजन किया
जयपुर, 30 मार्च, 2024: इस शुक्रवार को फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल, जयपुर द्वारा विश्व किडनी दिवस के उपलक्ष्य में रेडिसन होटल जयपुर सिटी सेंटर में एक पैनल वार्ता का आयोजन किया गया। इस वार्ता में किडनी को स्वस्थ रखने के तरीकों पर चर्चा की गयी। विश्व किडनी दिवस हर साल मार्च के महीने में मनाया जाता है। हॉस्पिटल की ओर से वार्ता में मौजूद पैनलिस्ट्स में डॉ. राजेश गरसा, एडिशनल डायरेक्टर, नेफ्रोलॉजिस्ट एवं किडनी ट्रांसप्लांट फिज़िशियन, डॉ. संदीप गुप्ता, एडिशनल डायरेक्टर, किडनी ट्रांसप्लांट एवं यूरोलॉजी; डॉ. मधुसुदन पटोदिया, सीनियर कंसल्टैंट, किडनी ट्रांसप्लांट एवं यूरोलॉजी; डॉ. विक्रम अरोड़ा, सीनियर कंसल्टैंट, यूरोलॉजी और डॉ. राधिका गोविल, कंसल्टैंट नेफ्रोलॉजिस्ट एवं किडनी ट्रांसप्लांट फिज़िशियन थे।
डॉ. राजेश गरसा ने बताया, ‘‘किडनी रोग को रोकने के लिए व्यक्ति को शरीर में पानी की कमी नहीं होने देना चाहिए। उसे ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए, जब तक डॉक्टर द्वारा न दी जाए, तब तक पेनकिलर नहीं लेनी चाहिए और नियमित तौर से स्वास्थ्य की जाँच कराते रहना चाहिए।’’ डॉ. राधिका गोविल ने कहा, ‘‘यदि स्वास्थ्य जाँच में मरीज को किडनी रोग निकलकर आए या फिर उसे इसका कोई लक्षण महसूस हो रहा हो, जैसे शरीर में सूजन हो, पेशाब में खून आ रहा हो, बार-बार पेशाब लग रही हो, या फिर बहुत कम पेशाब आए, उच्च रक्तचाप हो, मितली, उल्टी या फिर भूख न लगने की शिकायत हो, तो उसे जल्द से जल्द विशेषज्ञ से संपर्क कर अपना इलाज शुरू करवाना चाहिए।’’ उन्होंने आगे कहा, ‘‘जरूरी नहीं कि किडनी की हर समस्या के लिए डायलिसिस की जरूरत हो।’’
जिन मरीजों की किडनी काम करना बंद कर देती है, उन्हें डायलिसिस की जरूरत पड़ती है, जिसमें खराब किडनी की जगह एक स्वस्थ किडनी लगा दी जाती है। डॉ. संदीप गुप्ता ने बताया, ‘‘किडनी ट्रांसप्लांटेशन किडनी खराब होने पर किया जाता है। किडनी द्वारा काम करना बंद कर देने पर मरीज को डायलिसिस की जरूरत पड़ती है। इस प्रक्रिया में किडनी खराब होने पर शरीर से अपशिष्ट और तरल पदार्थ को डायलिसिस मशीन द्वारा बाहर निकाला जाता है।’’ डॉ. विक्रम अरोड़ा ने कहा, ‘‘किडनी कैंसर होने पर भी सर्जरी जरूरी होती है। यह सर्जरी या तो रेडिकल नेफ्रेक्टोमी या आंशिक नेफ्रेक्टोमी द्वारा की जाती है। हम कैंसर की जगह और उसके विकास के चरण के आधार पर निर्णय लेते हैं कि किस प्रकार की सर्जरी की जानी है। इन दिनों मिनिमली इन्वेज़िव सर्जरी ने इस प्रक्रिया को बहुत आसान बना दिया है, क्योंकि इसमें बड़े चीरे की बजाय एक बहुत छोटा चीरा लगाकर सर्जरी पूरी की जा सकता है।’’
इस अवसर पर फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल, जयपुर के ज़ोनल डायरेक्टर, श्री नीरव बंसल भी मौजूद थे। उन्होंने कहा, ‘‘एक स्वास्थ्य संगठन होने के नाते हमारी यह जिम्मेदारी है कि हम किडनी के स्वास्थ्य के विषय में जागरुकता बढ़ाने के लिए अपना पूरा योगदान दें। जागरुकता बढ़ाया जाना इसलिए जरूरी है कि किडनी रोग एक ‘मूक बीमारी’ है। इस बीमारी को बढ़ने से रोकने के लिए जागरुकता और समय पर निदान जरूरी है, ताकि इसे शुरुआती चरण में ही पहचानकर अनपेक्षित घटनाओं को होने से रोका जा सके।’’